Table of Contents
हरियाणा की वेशभूषा

1.हरियाणा प्रदेश के पुरुषो की पांरपरिक वेशभूषा | |
वेशभूषा | विवरण |
खंडवा | पगड़ी |
साफा | पगड़ी ( सैनिक फैशन की पगड़ी ) |
पागड़ी | मारवाड़ी ढंग की पगड़ी |
पाग | राजपूती ढंग की बड़ी पगड़ी |
कमरी | आधी आस्तीन की कटी तक की कमरी |
अंगरखा | गणमान्य लोगो का नीचे तक झूलता कलीदार पहनावा |
दोहर | हाथ से कते बारीक़ दोहरे सूत की बड़ी मजबूत चादर जो सर्दियों में काम आती है |
खेस | मोटे सूत की मोटी चादर |
टोपी | गाँधी टोपी जैसी टोपी |
रुई की कमरी | रुई डालकर सिलाई गयी कमरी |
लोई | लोई |
2.हरियाणा प्रदेश की महिलाओ की पांरपरिक वेशभूषा |
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वेशभूषा | विवरण |
घाघरी | घाघरा |
दामण | काले या लाल सूती कपडे का घाघरा |
बोरड़ा | खद्दर के कपडे पर फूल छपा घाघरा |
लेह | नीले कपडे पर पीले पाट की कढ़ाई वाले कपडे का घाघरा |
गुलड़ा की लेह | बंधाई पध्दत्ति से रंगे हुए खद्दर से बना घाघरा |
कैरी | नीले खद्दर पर लाल टीको वाले कपडे का घाघरा |
चांदतारा | खद्दर पर दूज के चाँद तारे की छपाई वाले कपडे से बना घाघरा |
कमरी | बास्केटनुमा पूरी या आधी आस्तीनों की कमरी |
आंगी | अंगिया |
समीज | कमीज के नीचे पहने जाने वाला बस्त्र |
कमीज | कालरदार कमीज |
जम्फर | जम्फर जो आजकल लोकप्रिय है |
सिलवार | सलवार नई पीढ़ी इससे तेजी से अपना रही है |
ओढ़ना | गोटा लगी ओढ़नी |
दुकानिया | खद्दर का गहरे लाल रंग का पीले धागो से कढ़ी ओढ़नी |
छयामा | पीले पाट ला कढ़ा ओढ़ना |
सोपली | गहरे लाल रंग की किनारो पर छपी औढनी |
गुमटी | सूती रंगीन कपडे पर रेशमी बुंदियो वाली कढ़ी औढनी |
लहरिया | बंधाई पध्दति की रंगाई से तैयार किया गया ओढ़ना |
बोल | सूती कपडे पर रेशमी पट्टीदार कढ़ाई का ओढ़ना |
पीलिया | लाल और पीले का कपडा बंधाई पद्दत्ति से तैयार किया हुआ बच्चे के जन्म पर पीहर से आता है |
चुंदड़ी | लाल पल्लो और बीच में नीली रंगाई वाली पतली ओढ़नी |
मोड़िया | नीले या काले पल्लो की रंगाई का बारीक़ ओढ़ना |
कंघ | पक्के लाल रंग का ओढ़ना इसमें कई तरह की कढ़ाई होती है |
फुलकारी | कंघ पर पीले पाट या ऊन की डब्बीनुमा फुलकारियों के ओढ़ने अन्य किस्मे – ढाक पत्ता , पीपल पत्ता , नई चाल , गेंहू दाना , तेरी मेरी सलाह । |
फरगल | सर्दियों में बच्चे पहनाया जाने वाला टोप, जिसकी रंग बिरंगी झालर पीछे कमर तक लटकती रहती है |
झुगला | छोटे बच्चो का पहनावा |
सोड | खद्दर की रजाई |
सोडिया | खद्दर का गदेला |
आभूषण | |
2.हरियाणा की वेशभूषा3.हाथो में पहने जाने वाले आभूषण |
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आरसी ( अंगूठे की ) | छन |
अंगूठी | पछेली |
हथफूल | रमझोल |
छैल कड़ा | छन कंगणा |
कडुला | टाड ( बाजु पर पहनी जाती है ) |
गजरा | टाडिया ( बाजु पर पहने जाने वाली सोने की टाड ) |
हरियाणा प्रदेश की पांरपरिक वेशभूषा4.गले के आभूषण |
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हंसला | चाँदी या सोने की |
हंसली | चाँदी या सोने की |
मोहनमाला | सोने की |
गलश्री | सोने की |
कंठी | सोने की |
गुलुबंध | सोने की |
झालरा | गिन्नियो का या चाँदी के रुपयों का |
बटन | चाँदी या सोने का |
हार | चाँदी |
माला | सोने की |
3.हरियाणा की वेशभूषा5.माथे और सिर के आभूषण |
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फल | सिर के ऊपर बांधा जाता है ( चाँदी या सोने का ) |
सिंगार पट्टी | सिर के ऊपर बाँधी जाती है (चाँदी या सोने की ) |
बेस्सर | माथे पर बंधती है ( सोने की ) |
ताग्गा | माथे के लिए ( सोने – चाँदी दोनों का ) |
बोरला | माथे के बीच लगाया जाता है नगीने जड़कर बनाया जाता है ( सोने या चाँदी का ) |
टिक्का | माथे पर लटकता है ( सोने का ) |
कल्फ | बालो में लगाई जाती है |
बूजनी | सोने या चाँदी की |
ढेडे | कानो के लिए चाँदी के |
कर्णफूल | कानो में पहने जाते है ( सोने या चाँदी के ) |
बाली | कानो के लिए ( सोने या चाँदी ) |
डांडे | कानो के पास लटकते है ( चाँदी के ) |
छाज | माथे पर लटकता है ( चाँदी का ) |
नथ | नाक में पहनी जाती है ( सोने की ) |
पुरली | नाक में पहनी जाती है ( सोने की ) |
लौंग | नाक में पहनी जाती है ( सोने की ) |
4.हरियाणा की वेशभूषा6.अन्य आभूषण |
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गोफ – गले का जेवर ( पुरुषो का )
कंठला-गले का जेवर ( पुरुषो का ) सोने का मुरकी – कानो का जेवर ( पुरुषो का ) पतरी – गले का जेवर ( पुरुष और महिला दोनों के लिए ) तगडी – कमर का जेवर ( महिला ) नाड़ा – चाँदी का झब्बेदार जेवर , जो घाघरे के नाड़े से साथ बांधा जाता है पल्लु – चाँदी का जेवर , जो महिलाओ के ओढ़ने के पल्ले में बांधा जाता है |
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